आईआईटी खड़गपुर का 66वां दीक्षांत समारोह

माननीय शिक्षा मंत्री, डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

 

आईआईटी खड़गपुर के 66वें दीक्षांत समारोह में उपस्‍थित अध्‍यापगणों का, छात्रों का, अतिथिगणों का और पूरे देश और दुनिया से पूर्व छात्र एवं अध्‍यापक जुड़े हैं मैं आप सभी का सबसे पहले तो इस महत्‍वपूर्ण अवसर पर जो आज उत्‍सव मनाया जा रहा है, इस अवसर पर आप सभी का सम्‍मान कर रहा हूं और इस अवसर पर हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी का आशीर्वाद हमारे छात्रों को लगातार मिलता रहता है, मैं उनको अभिनन्‍दित करता हूं क्‍योंकि वो लगातार हमारे छात्रों को आशीर्वाद देते हैं। मेरे अन्‍नय सहयोगी शिक्षा राज्‍य मंत्री श्री संजय धोत्रे जी, अमित खरे, सचिव उच्‍च शिक्षा, श्री संजीव गोयनका जो शासी मंडल के अध्यक्ष हैं,जिनकेमार्गदर्शन में आईआईटी खड़गपुर काफीआगे बढ़ रहा है औरयशस्‍वीनिदेशक प्रो.वीरेन्‍द्र कुमार तिवारी जी जो लगातार गतिविधियों को करके इस बात को सुनिश्चित कर रहे हैं। खड़गपुर पीछे नहीं है, देश की लीडरशिप ले रहा है औरतकनीकी के क्षेत्र में और ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में। प्रो.भट्टाचार्य,उपनिदेशक लंबे समय से जुड़ेहैं, स्‍टाफसहित सभी फैकल्टी और निदेशक, उप-निदेशक,विभागाध्यक्ष, सभी संकाय के सदस्यगणतथाछात्र-छात्राओं और अभिभावकगण एवं पूर्व छात्र-छात्राओं,मैंआज इस अवसर पर जबकि आप 66वें दीक्षांत समारोह में सभी एकत्रित हुए हैं,हम सब लोग गर्व का अनुभव महसूस कर रहे हैं और सबसे पहले तो मैं सभी मेधावी छात्र-छात्राओं को,जो आज डिग्री प्राप्त कर रहे हैं, उनका अभिनंदन करता हूं एवं शुभकामना देने के लिए आपके बीच आया हूं। इस ऐतिहासिक अवसर पर  मैं उन सभी शिक्षकों का भीअभिनंदन करना चाहता हूं जो इनयुवा छात्रों का उचित मार्गदर्शन देते हुए उनकेअध्‍ययनके दौरान उन्‍हेंनिरंतर प्रेरित एवंप्रोत्साहित करते रहे हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि आज आईआईटी खड़गपुर के छात्र 66वें दीक्षांत समारोह के द्वारा अपने सपनों को एवं आकांक्षाओं को हासिल करने की एक नई यात्रा की शुरुआत करेंगे। मेरे प्रिय छात्र-छात्राओं, आज तक आपने जो दीक्षा ली है इस दीक्षा को लेकरके देश और दुनिया में छाने वाले हैं। और बहुत सारे सवाल आपके मन मस्तिष्क में आने वाले हैं तथाबहुतसारे सवालों से आपको जूझना है। अभी तक सवाल आपके मन और मस्तिष्क में आते थे और आप अपने अध्यापक से पूछते थे, वे उनका निदान करते थे। आज के बाद बहुत सारे सवाल आपके मानस के सामने खड़े रहेंगे और उन सभी सवालों का उत्तर भी स्‍वयं ही आपको देना है। मुझे भरोसा है कि जो दीक्षा और शिक्षा आपको यहां से मिली है वह हर मौके पर, हर मोड़ पर, हर परिस्‍थिति में वहआपको सवालों का उत्‍तर देने के लिए तैयार करेगी, ऐसा मेरा भरोसा है और ऐसे में मैं आपको शुभकामना देना चाहता हूं।आईआईटीखड़गपुर की इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को यदि देंखे तो यह देश के अनेकों स्वाधीनता संग्राम सैनिकों का सर्वोच्च बलिदान की भूमि रही है। यह वह जगह है जहां आजादी की लड़ाई लड़ते हुए संतोष सुमन बिट्टा और तारकेश्वर सेन गुप्ता जैसे स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को कैद में रखा गया था।16सितंबर,1931 उस दिन को कौन भूल सकता है मेरे नौजवान साथियों, तब उनको गोलियों से छलनी कर दिया गया था,जब आजाद हिन्‍द सेना के सेनानायक और आजादी के ध्वजवाहक नेताजी सुभाषचंद्र बोस इसबंदी शिविर में आये थे। इन वीरसपूतों के पार्थिव शरीर को लेने के लिए उस क्षण को कौन भूल सकता है,यह सामान्य घटना नहीं थी, इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। उनमें से एक गुरूदेवरवीन्‍द्रनाथ टैगोर भी थे जिन्होंने न केवल इस दर्द को महसूस किया था बल्कि अपनी सशक्त लेखनी के माध्यम से इसको बयां करके पूरे देश में उस भावना को एक आग की तरह देशभक्‍ति की ज्‍वाला को फैलाया था और ऐसा ऐतिहासिक स्थान जिसस्‍थानपर यी संस्थान है। यहवह संस्‍थान है जो आजादी के साथ-साथ में 224 विद्यार्थियों और 42 शिक्षकों के साथ शुरू हुआ था। आज इस आईआईटी खड़गपुर में 14 हजार से भी अधिक छात्र-छात्राएं हैं और 670 से भी अधिक संकाय हैं। इस संस्थान कीबहुत लंबी यात्रा इस बात का प्रतीक है कि तमाम उतार और चढ़ावों के बाद भी इस संस्थान में अपनी शिखरता को प्राप्त किया है। खड़गपुर पहला राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है जिसे भारत सरकार के संसदीय अधिनियम के तहत स्थापित किया गया और तब से ही यह संस्थान राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज उद्योग क्षेत्र में पुरस्कार विजेता, शिक्षाविद्, राजनेता, खिलाड़ी और रचनात्‍मक पेशेवर के रूप में उत्कृष्ट भूमिका निभानेवाले इस महान संस्थान के पूर्व छात्रोंकीसूची देखता हूं तो वे विश्व के पटल पर छाये हुए हैं और भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। चाहे वोगूगल के सुंदर पिचाई हों जब मैं देखता हूं तो मेरे यहाँ से निकले मेरे पूर्व छात्र कहाँ-कहाँ पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं? हमारामाथा ऊँचा होता है कि हमारे छात्र पूरी दुनिया में छाये हुए हैंऔर पूरे देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। मुझे खुशी है कि भगवद् गीता में जो कहा गया है कि कर्म में उत्‍कृष्‍टता ही योग है। इस सिद्धान्त को खड़गपुर ने अपने कैम्पस में समाहित कर लिया है। इसी का परिणाम है कि यह लगातार और लगातार आगे बढ़ रहे हैं। खड़गपुर अभियांत्रिकी प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान,जैवज्ञान प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान, मानविकी प्रबंधन विधि और उद्यमिता से अनेक क्षेत्रों में शैक्षणिक कार्यक्रमों को एक विस्तृत श्रृंखला और विविध शैक्षणिक गतिविधियों और विषयोंके बारे में जाना-पहचाना और माना जा रहा है। आज ही संस्थान से वार्षिक चार हजार उद्धरणऔर स्टार्टअप के रूप में 21प्रौद्योगिकी के साथ दो हजार शोधप्रकाशित हुए हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि आपका संस्‍थान शोध और नवाचार में आगे बढ़ रहा है और जैसी कि अभीमेरे सहयोगी मंत्री आदरणीय संजय धोत्रे ने कहा कि अब पूरे देश के अन्‍दर शोध और अनुसंधान की संस्‍कृति के लिए ‘नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ जिसके लिए 50 हजार करोड़ रूपया स्‍वीकृत हुआ है।प्रियछात्र-छात्राओं,मैं आपसेअनुरोध करना चाहता हूं कि एक वक्त था जब हममें पैकेज की होड़ लगी कि कितना बड़ा पैकेज किसको मिलेगा। लेकिन आज देश स्‍वाधीनहो गया है। हमको अबनौकरी के लिए नहीं दौड़ना है।अबपैकेज के स्‍थान पर पेटेंट की दौड़ होगी। हम टैलेंट और उत्‍कृष्‍ट कोटि के साथ पैटेंटकोनिकालेंगे। हम नौकरी लेने वाले लोगों में नहीं, बल्‍कि नौकरियां देने वाले लोगों में खड़े होंगे, ऐसा मेरा विश्वास है और यही संकल्प लेकर आज मैं आया हूं। मैं यह देखकर बहुत हर्षित होता हूं कि भारत सरकार की योजनाओं में आईआईटी खड़गपुर ने ऊर्जा और उत्‍साह के साथ हर जगह बढ़-चढ़कर के मुझे दो साल इस मंत्रालय में होरहे हैं और जब भी मैं समीक्षा करता हूं तो कहीं न कहीं केन्द्र में मेरा खड़गपुर सामनेआता है।मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत इससंस्थान द्वारा विकसित के किए गए विविधशौचालय प्रणाली स्‍वच्‍छता का समाधान करने में सक्षम है और सुदूर क्षेत्र में लाभदायी भी है।जहां पानी की आपूर्ति नहीं है वेस्ट से वेल आपका यह अद्भुत उदाहरण है जो हमारे प्रधानमंत्री जी के सपने को साकार करता है। आप सबको मालूम है कि जब हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का आह्वान किया था तो बच्चा-बच्चा भी अपने घर का लीडर बन कर खड़ा हो गया था। स्वच्छता के इस अभियान के लिए पूरी दुनिया का अद्भुत अभियान हो गया था और आप उस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।मुझे बहुत खुशी है कि उच्चतर आविष्कार योजना के अंतर्गत संस्थान चार पहिया वाहन और छोटे स्तर पर तीन पहिया वाहनों के लिए विद्युत वाहन पर शोध और विकास कार्यों में आगे बढ़ रहा है। मुझेइस बात को लेकर खुशीहै कि मुझे यहभीबताया गया है कि उन्‍नत भारत अभियान के अन्तर्गत संस्‍थानके कृषि और खाद्य इंजीनियरिंग विभाग में सिंचाई औरखाद्य प्रसंस्करण को शामिल करते हुए कई तकनीकों का विकास किया जा रहा है जो पश्चिम बंगाल के 23 जिलों और पूर्वी भारत के अन्य राज्यों में विभिन्न गांव में 20 हजार से भी अधिक किसानों के उपयोग में लाई जा रहे थे। इस ग्राम स्‍वराजके अभियान की यह अनोखी पहल है और यहां के निदेशक प्रो. तिवारी को कहता हूं कि आपको कृषिऔर कृषि विज्ञान के क्षेत्र में महारत है और मेरे आस-पास खड़गपुरके गांव में यहां की सुगंध बढ़नी चाहिए ताकि लोगों को लगे कि हां, खड़गपुर या आसपास की सुगंध से गांव भी अनुप्राणित हो रहा है। शैक्षणिक संस्‍थान अपने क्षेत्रीय गांवोंकेकिसानों को विशेष लाभ पहुंचाने की दिशा में और आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर गांव और आत्मनिर्भर राष्ट्र, इसका जो रास्‍ता है इसको आप निश्चित रूप में आगे बढ़ा रहे हैं। मुझे इस बात की खुशी है और प्रधानमंत्री जी हमेशा कहते हैं कि हमारे ज्ञान, विज्ञान एवंअनुसंधान के दो लक्ष्‍यहोने चाहिए। पहला ‘इज ऑफ बिजनेस’ कि उद्योग जगत को बढ़ावा दें और दूसरा ‘इज ऑफ लिविंग’ जो आम जनमानस के जीवनको सुखद बनाए। आपकी शिक्षा साक्षरता के लिए नहीं अपितु लक्ष्‍य आधारित शिक्षा होनी चाहिए,मानवता को समर्पित होनी चाहिए और हमारी संस्कृति से युक्त परंपराओं से भरी होनी चाहिए। मुझे भरोसा है कि इस संस्थान से निकलने वाले छात्र-छात्राएं हैं वोज्ञान की उस संस्कृति के ध्‍वजवाहक बनेंगेजिस संस्कृति ने पूरी दुनिया में भारत को विश्‍व गुरू के रूप में स्थापित किया था। मुझे गर्व है कि कोविड-19की विषम परिस्थितियों में भी आईआईटी खडग़पुर ने समाज की भलाईके लिए बहुत महत्वपूर्ण काम किया और इस दिशा में छात्रों की देखभाल की दिशा में लॉकडाउन की अवधि, मुझे याद आता है कि जैसे ही यहपरिस्‍थिति आई थी और मैंने निदेशक से पूछा था तो हजारों छात्र हमारे हॉस्टल में थे और मैं इस बात को लेकर लगातार चिंतित था कि हजारों छात्र हास्‍टल में हैं और इनपरिस्‍थितियोंमें हमारे निदेशक ने तब कहा था कि कैसे करके छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाया जाए। मेरे को बताया गया कि छात्र चाहते हैं कि वो यही पर रहें और सुरक्षित रहे। इसकेलिए मैं बधाई देना चाहता हूं क्‍योंकि यह भी अपने आप में एक सुखद उदाहरण था। पश्चिम बंगाल देश का गौरव रहा है और यहां पर केन्‍द्रीय विद्यालय भी हैं और नवोदय विद्यालय भी है और बहुत सारे संस्थान हैं।यदिउच्च शिक्षा की बात मैंकरूं तो आईआईटी खड़गपुर हो, चाहे आईआईआईटी कल्याणी हो,नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कलकत्ता जैसे उच्च शिक्षा के विभिन्न उत्कृष्ट संस्थान प्रमुखता से अध्ययन और अध्यापन कार्य करा रहे हैं और वहीं दूसरी ओर जाधवपुर विश्वविद्यालय को आईओईका भी दर्जा भी मिला है और इसके अलावा भारत सरकार ने पिछले5साल में देखें तो लगभग897 करोड़ रुपये इन संस्थानों के लिए प्रावधानित किए हैं। टीचर्स ट्रेनिंग की दिशामें भी 10.6 करोड़ का आबंटन हुआ हैजोपश्चिम बंगाल के शिक्षकों की शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए दिए गए हैं। मुझे भरोसा है कि प्रधानमंत्री श्रीमोदीजी के नेतृत्व में एवंउनके मार्गदर्शन में नई शिक्षा नीति 2020 आई है निश्‍चित रूप में यह न केवल भारत के शैक्षणिक परिदृश्य को बदलेगा बल्कि मेरे भारत को पुनः विश्वगुरु के रूप में स्थापित करेगा ऐसा मेरा भरोसा है। सभी छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए जहां शोध कीसंस्कृति को विकसित करने की दिशा में नेशनल एजुकेशन टैक्‍नोलॉजी फोरम का भी गठन किया जारहाहै जो अंतिम छोर तक के छात्र को तकनीकी से समृद्ध करेगा और ‘वोकल फॉर लोकल’गांवतक जाएगा और ‘लोकल फॉर ग्‍लोबल’अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर तक जाएगाऔर जो आत्‍मनिर्भर भारत को बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम होगा, ऐसा मेरा भरोसा है। मुझे आशा है कि एनईपीके क्रियान्‍वयन के लिए और शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण में हमारे अध्‍यापक अहम भूमिका निभाएगा। हमारे देश के पूर्व राष्‍ट्रपति अब्‍दुल कलाम जी ने कहा था कि सपने जो सोने न दे, जब तक वो क्रियान्‍वयन नहीं हो जाते तब तक आप लगातार आगे बढ़ें। मुझे इस बात की भी खुशी है कि आज चार युवकों को यहसंस्थान डीलिट की उपाधि प्रदान कर रहे हैं। मैं इन चारों लोगों के बारे में जितना जानता हूं इस संस्थान ने बहुत ऐसे लोगों को चुना है, मैं आप सभी को बहुत बधाई देना चाहता हूं। मेरे प्रिय छात्र-छात्राओं, मुझे भरोसा है कि आप आत्‍मनिर्भरभारत के ब्रांड एम्‍बेस्‍डर बनकर पूरी दुनिया में जाएंगे। इस देश को सशक्त करने के लिए मेरे देश के प्रधानमंत्री जी ने जिस 21वीं सदी के स्‍वर्णिम भारत  की बात की है ऐसा भारत जोस्‍वस्‍थ हो, सशक्‍त हो, समृद्ध हो,श्रेष्ठ हो और एक भारत को जिसका रास्ता मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्‍किल इंडिया,स्‍टार्टअप इंडिया और स्‍टैंडअप इंडिया से होकर गुजरता है। मुझे भरोसा है कि आप अपने सामर्थ्‍यसे प्रधानमंत्री जी के 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्‍यवस्‍था के विचार कोसाकार करेंगे। एक बार फिर मैं आपके अभिभावकों को, आपको और आपकेअध्यापकगण को बहुतसारी बधाई देता हूं।

 

बहुत-बहुत धन्यवाद!

 

कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्‍थिति:-

 

  1. श्री नरेन्‍द्र दामोदर दास मोदी, माननीय प्रधानमंत्री, भारत
  2. डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार
  3. श्री संजय शामराव धोत्रे, माननीय शिक्षा राज्‍य मंत्री, भारत सरकार
  4. श्री अमित खरे, सचिव, उच्‍च शिक्षा, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार
  5. श्री संजीव गोयनका, अध्‍यक्ष, शासी मंडल, आईआईटी खड़गपुर
  6. प्रो. वीरेन्‍द्र कुंमार तिवारी, निदेशक, आईआईटी खड़गपुर
  7. प्रो. श्रीमन कुमार भट्टाचार्य, उप-निदेशक, आईआईटी खड़गपुर