बायोग्राफी
पूरा नाम: | रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ |
जन्म तिथि: | 15 Jul 1959 |
जन्म स्थान: | पिनानी, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड |
पार्टी का नाम: | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
शिक्षा: | परास्नातक (संस्कृत), पीएचडी (मानद) |
व्यवसाय: | राजनीतिज्ञ, साहित्यकार, कवि, लेखक |
पिता का नाम: | स्वर्गीय श्री परमानन्द पोखरियाल |
माता का नाम: | स्वर्गीय श्रीमती विशाम्बरी देवी |
पत्नी: | श्रीमती कुसुमकांता |
संतान: | 03 |
कार्य काल: | केंद्रीय शिक्षा मंत्री (29 जुलाई, 2020 से 7 जुलाई, 2021 तक)
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (30 मई, 2019 से 29 जुलाई, 2020 तक) मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड (27 जून, 2009 से 11 सितम्बर, 2011 तक) |
पता – स्थाई: संपर्क: |
37/1, रविंद्र नाथ टैगोर मार्ग, विजय कॉलोनी, देहरादून – 248001, उत्तराखंड 0135-2746363, 09458945006 |
पता – वर्तमान: | 20, तुगलक क्रिसेंट, नई-दिल्ली 110011 |
ईमेल: | nishankramesh@gmail.com |
परिचय
बाल्यावस्था
डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ का जन्म उत्तराखण्ड प्रदेश के पौड़ी जनपद के सुदूरवर्ती स्थित ग्राम पिनानी में सन् 1959 में एक अत्यन्त निर्धन परिवार में हुआ। आपने बचपन से ही अनेक अभावों में अपना जीवन व्यतीत किया। आप बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे।
शिक्षा दीक्षा
आपने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गाँव स्थित विद्यालय से पूर्ण करने के पश्चात गाँव से 07 कि0मी0 की पैदल दूरी पर स्थित राजकीय हाईस्कूल (अब इण्टर कॉलेज) दमदेवल से रोज पैदल चलकर हाईस्कूल की परीक्षा उर्त्तीण की। तत्पश्चात अपनी आगे की पढ़ाई के लिए आप हरिद्वार स्थित एक आश्रम में आए। जहाँ आश्रम के कार्य करते हुए आपने उच्च शिक्षा ग्रहण की। नेतृत्व के गुण आपमें बचपन से ही मौजूद थे।
आप बचपन से ही राष्ट्रीय विचारधारा एवं मातृभाषा के प्रति प्रेरित रहे। आपने अपनी उच्च शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात एक अध्यापक तथा लेखक के रूप में जीवन यापन करने का निश्चय किया। लेखन कार्य के साथ-साथ आपने सरस्वती शिशु मन्दिर से अध्यापन के रूप में अपनी जीविका शुरू की। उसके पश्चात सरस्वती विद्या मन्दिरों में प्रधानाचार्य के रूप में उत्तरकाशी, देहरादून, पुरोला एवं ऊखीमठ आदि स्थानों पर नियुक्त रहे।
वर्ष 1987 में आपने विद्या मन्दिर से अवकाश लेकर उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल से ‘दैनिक सीमांत वार्ता’ अखबार का प्रकाशन प्रारम्भ किया और पत्रकारिता के माध्यम से प्रदेश एवं समाज की विभिन्न समस्यायें और जनपक्षीय मुद्दे उठाये। पहली बार आप वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर कर्णप्रयाग विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर विधान सभा में पहुँचे। तत्पश्चात 1993 और फिर 1996 में लगातार तीन बार विजयी होकर हैट्रिक बनाई। आपके मृदुभाषी, तेज तर्रार व्यक्तित्व, कर्मठता एवं नेतृत्व क्षमता के कारण जनता में आप हमेशा लोकप्रिय रहे।
सफलता का मंत्र
समर्पण, अथक कड़ी मेहनत और बुद्धिमत्ता तथा भगवान पर विश्वास और पीड़ितों के प्रति लगाव आपके जीवन का मंत्र रहा है|
राजनितिक यात्रा
-
- पृथक उत्तराखण्ड राज्य निर्माण हेतु सन् 1978 से संघर्षरत।
- सन् 1991, 1993,1996 में कर्णप्रयाग क्षेत्र से लगातार तीन बार उत्तर प्रदेश की विधान सभा के सदस्य निर्वाचित।
- सन् 1997 में पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री (उत्तरांचल विकास विभाग) 1998 में उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री।
- सन् 2000 में उत्तराखण्ड सरकार में वित्त, ग्राम्य विकास, चिकित्सा सहित 12 विभागों के कैबिनेट मंत्री।
- मार्च 2007 से जून 2009 तक उत्तराखण्ड सरकार में चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, आयुष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा भाषा विभाग के कैबिनेट मंत्री।
- 2009 से 2011 तक उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री।
- 2011 से 2013 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष।
- 2012 में डोईवाला विधान सभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित।
- वर्ष 2014 में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित।
- वर्ष 2014 से 2019 तक लोकसभा की सरकारी आश्वासन समिति के सभापति।
- वर्ष 2019 में पुनः लोकसभा हरिद्वार से सांसद निर्वाचित।
- वर्ष 2019 से 2021 तक केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री।
- वर्तमान में लोकसभा हरिद्वार से सांसद।
साहित्यिक यात्रा
डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ मौलिक रूप से साहित्यिक विधा के व्यक्ति हैं। अब तक हिन्दी साहित्य की तमाम विधाओं कविता, उपन्यास, खण्ड काव्य, लघु कहानी संस्कृति, पर्यटन, यात्रा वृतांत, बाल कहानी और व्यक्तित्व विकास सहित लगभग 100 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी प्रकाशित कृतियों ने उन्हें हिन्दी साहित्य में सम्मानजनक स्थान दिलाया है। राष्ट्रवाद की भावना उनमें कूट-कूट कर भरी हुई है। यही कारण है कि उनका नाम राष्ट्रकवियों की श्रेणी में शामिल है। डॉ0 ‘निशंक’ की प्रथम रचना कविता संग्रह ‘समर्पण’ का प्रकाशन 1983 में हुआ था। तब से अब तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज भी तमाम व्यस्तताओं के बावजदू उनका लेखन जारी है। यह डॉ0 ‘निशंक’ के साहित्य की प्रासंगिकता और मौलिकता है कि अब तक उनके साहित्य को विश्व की कई भाषाओं जर्मन, अंग्रेजी, फ्रैंच, नेपाली सहित भारत की तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, पंजाबी, संस्कृत आदि अनेक भाषाओं में अनूदित किया जा चुका है।
इसके अलावा इनके साहित्य को मद्रास, चेन्नई तथा हैंबर्ग विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। उनके साहित्य पर अब तक शिक्षाविद् डॉ0 श्यामधर तिवारी, डॉ0 विनय डबराल, डॉ0 नगेन्द्र, डॉ0 सविता मोहन, डॉ0 नन्द किशोर, डॉ0 योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’, डॉ0 सुधाकर तिवारी, डॉ0 रमा, डॉ0 ऋषभ देव शर्मा, डॉ0 गोपाल शर्मा, डॉ0 कपिल देव पँवार, डॉ0 रवि कुमार और डॉ0 सुधांशु सहित अनेक शिक्षाविदों द्वारा समी़क्षा ग्रंथों एवम् पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है। डॉ0 ‘निशंक’ के साहित्य पर कई राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों (गढ़वाल विश्वविद्यालय, कुमाऊं विश्वविद्यालय, सागर विश्वविद्यालय, मद्रास विश्वविद्यालय, हैंबर्ग विश्वविद्यालय जर्मनी, लखनऊ विश्वविद्यालय तथा मेरठ विश्वविद्यालय) में शोध कार्य हो चुका है और जारी है।
साहित्यिक जीवन
डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ मौलिक रूप से साहित्यिक विधा के व्यक्ति हैं। अब तक हिन्दी साहित्य की तमाम विधाओं कविता, कहानी, उपन्यास, खण्ड काव्य, लघु कहानी, संस्कृति, पर्यटन, यात्रा वृतांत, बाल कहानी और व्यक्तित्व विकास सहित कुल 100 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी प्रकाशित कृतियों ने उन्हें हिन्दी साहित्य में सम्मानजनक स्थान दिलाया है। राष्ट्रवाद की भावना उनमें कूट-कूट कर भरी हुई है। यही कारण है कि उनका नाम राष्ट्रकवियों की श्रेणी में शामिल है। डॉ0 ‘निशंक’ की प्रथम रचना कविता संग्रह ‘समर्पण’ का प्रकाशन 1983 में हुआ था। तब से अब तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज भी तमाम व्यस्तताओं के बावजदू उनका लेखन जारी है। यह डॉ0 ‘निशंक’ के साहित्य की प्रासंगिकता और मौलिकता है कि अब तक उनके साहित्य को विश्व की कई भाषाओं जर्मन, अंग्रेजी, फ्रैंच, नेपाली सहित भारत की तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, पंजाबी, संस्कृत आदि अनेक भाषाओं में अनूदित किया जा चुका है।
इसके अलावा इनके साहित्य को मद्रास, चेन्नई तथा हैंबर्ग विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। उनके साहित्य पर अब तक शिक्षाविद् डॉ0 श्यामधर तिवारी, डॉ0 विनय डबराल, डॉ0 नगेन्द्र, डॉ0 सविता मोहन, डॉ0 नन्द किशोर., डॉ0 योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ और डॉ0 सुधाकर तिवारी सहित अनेक शिक्षाविदों द्वारा समी़क्षा ग्रंथों एवम् पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है। डॉ0 ‘निशंक’ के साहित्य पर कई राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों (गढ़वाल विश्वविद्यालय, कुमाऊं विश्वविद्यालय, सागर विश्वविद्यालय, मद्रास विश्वविद्यालय, हैंबर्ग विश्वविद्यालय जर्मनी, लखनऊ विश्वविद्यालय तथा मेरठ विश्वविद्यालय) में शोध कार्य हो चुका है और जारी है।
‘निशंक’ की प्रथम कृति ‘समर्पण’ (कविता संग्रह) वर्ष 1983 में प्रकाशित हुई। अब तक आपके 18 कविता संग्रह, 15 कहानी संग्रह, 12 उपन्यास, 8 पर्यटन ग्रन्थ, 6 बाल साहित्य, 9 व्यक्तित्व विकास सहित कुल 100 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आज भी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद उनका लेखन जारी है।
‘निशंक’ की प्रकाशित कृतियां निम्न हैः-
कविता संग्रह
- समर्पण
- नवांकुर
- मुझे विधाता बनना है
- तुम भी मेरे साथ चलो
- देश हम जलने न देंगे
- जीवन पथ में
- मातृभूमि के लिए
- कोई मुश्किल नहीं
- ऐ वतन तेरे लिए
- संघर्ष जारी है
- सृजन क़े बीज
- अन्धेरा जा रहा है
- भूल पाता नहीं
- माँ की पाठसाल
- हिमालय के आँचल में प्रकृति का स्पर्श
- एम्स में एक जंग लड़ते हुए
- परीक्षा लेती जिंदगी
- मृगतृष्णा
कहानी संग्रह
- क्या नहीं हो सकता
- भीड़ साक्षी है
- बस एक ही इच्छा
- रोशनी की एक किरण
- खड़े हुए प्रश्न
- विपदा जीवित है
- एक और कहानी
- मेरे संकल्प
- मील के पत्थर
- टूटते दायरे
- अंतहीन
- केदारनाथ आपदा की सच्ची कहानियाँ
- वाह जिंदगी
- निशंक की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ
- कथाए पहाड़ों की (संयुक्त)
- जीने का नाम जिंदगी
- कोरोना काल की सच्ची कहानियाँ
उपन्यास
- मेजर निराला
- बीरा
- निशांत
- छूट गया पड़ाव
- अपना पराया
- पहाड़ से ऊँचा
- पल्लवी
- प्रतिज्ञा
- भागोंवाली
- कृतघ्न
- शिखरों के संघर्ष (संयुक्त)
- जिंदगी रुकती नहीं
व्यक्तित्व विकास/ जीवनी
- सफलता के अचूक मंत्र
- भाग्य पर नहीं परिश्रम पर विश्वास करें
- संसार कायरो के लिए नहीं
- सपने जो सोने न दें
- हिमालय में स्वामी विवेकानंद
- युगपुरुष भारत रत्न अटल जी
- एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय
- हिमालय में टैगोर
- मानवता के प्रणेता: महर्षि अरविन्दो
बाल साहित्य
- आओ सीखे कहानियों से
- स्वामी विवेकानद जीवन माला
- कर्मयोगी स्वामी विवेकानंद
- शिकागो में स्वामी विवेकानंद
- आगे बढ़ो स्वामी विवेकानंद
- सकारात्मक सोच स्वामी विवेकानंद
खंडकाव्य
- प्रतीक्षा
पर्यटन
- (धरती का स्वर्ग उत्तराखंड भाग – 1) हिमालय का महाकुम्भ नंदा राजजात
- (धरती का स्वर्ग उत्तराखंड भाग – 2) स्पर्श गंगा ( उत्तराखंड की पावन जलधारायें )
- (धरती का स्वर्ग उत्तराखंड भाग – 3) अलौकिक सौंदर्य (उत्तराखंड के नैसर्गिक स्थल )
- (धरती का स्वर्ग उत्तराखंड भाग – 4) आस्था एवं आध्यात्म
- विश्व धरोहर गंगा ( गंगा एवम् उत्तराखंड की पावन नदियाँ )
- विश्व शान्ति एवम् आस्था का महापर्व विश्व धरोहर – महाकुंभ
- विश्व का सबसे बड़ा महाप्रबंधन महाकुंभ – 2010
- हिमनद: मानव जीवन का आधार
संस्कृति
- भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं परम्परा
- विनम्रता
डायरी/संस्मरण/यात्रा वृतान्त
- मेरी कथा मेरी व्यथा
- मारिशस की स्वर्णिम स्मृतियाँ
- प्रलय के बीच
- आपदा के वह भयावह पल
- एक दिन नेपाल में
- खुशियों का देश भूटान
- भारतीय संस्कृति का संवाहक – इंडोनेशिया
- मेरी उनेसकू यात्रा
- दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार – थाईलैंड
- चॉकलेट की वैश्विक राजधानी – बेल्जियम
- पूर्वी अफ्रीका का प्रवेश द्वार – युगाण्डा
- चुनौतियों को अवसरों में बदलता भारत
- मूल्य आधारित शिक्षा
- मेरे सपनों का उत्तराखण्ड
- संसद में हिमालय
राजनैतिक जीवन
डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्य एवं एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं।1991 में वे प्रथम बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए थे। इसके बाद 1993 और 1996 में पुनः उसी निर्वाचन-क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए। 1997 में वे उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के उत्तरांचल विकास मंत्री बने और फिर संस्कृति पूर्त एवम् धर्मस्व मंत्री रहे। तत्पश्चात पृथक उत्तराखंड राज्य के गठन पर प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व एवम् कर मंत्री रहे। वर्ष 2009 से 2011 तक उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रहे।
वर्ष 2014 में 16वीं लोकसभा से हरिद्वर क्षेत्र सें सांसद चुने गए।
वर्ष 2019 में 17 वीं लोकसभा में हरिद्वार से पुनः सांसद चुने गए एवं भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।
वर्ष 2021 तक केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, भारत सरकार रहे।
वर्तमान में लोकसभा में उत्तराखंड के हरिद्वार संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- पृथक उत्तराखण्ड राज्य निर्माण हेतु वर्ष 1978 से संघर्षरत।
- वर्ष 1991, 1993,1996 में कर्णप्रयाग क्षेत्र से लगातार तीन बार उत्तर प्रदेश की विधान सभा के सदस्य निर्वाचित।
- वर्ष 1997 में पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री (उत्तरांचल विकास विभाग) 1998 में उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री।
- वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड सरकार में वित्त, ग्राम्य विकास, चिकित्सा सहित 12 विभागों के कैबिनेट मंत्री।
- मार्च 2007 से जून 2009 तक उत्तराखण्ड सरकार में चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, आयुष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा भाषा विभाग के कैबिनेट मंत्री।
- वर्ष 2009 से 2011 तक उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री।
- वर्ष 2011 से 2013 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष।
- वर्ष 2012 में डोईवाला विधान सभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित।
- वर्ष 2014 में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित।
- वर्ष 2014 से 2019 तक लोकसभा की सरकारी आश्वासन समिति के सभापति।
- वर्ष 2019 से 2021 तक भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री
- वर्तनमान में हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से सांसद।
मुख्यमंत्री कार्यकाल
2009 से 2011 तक उत्तराखंड के पाँचवे मुख्यमन्त्री रहें। डॉ0 निशंक ने मुख्य्मन्त्रित्व काल में राजनैतिक कौशल, ज्ञान और ध्वनि समन्वय कौशल की सहायता से उत्तराखंड राज्य में हरिद्वार और उधम सिंह नगर को शामिल करने जैसे जटिल और संवेदनशील मुद्दों को सुलझाया। अंतरराष्ट्रीय फोरम में हिमालयी संस्कृति को लाने के लिए अनगिनत सफल प्रयास किए। राज्य से संचालित करने के लिए लघु उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय बिक्री कर 4% से 1% कम किया । राज्य के सभी आवश्यक वस्तुओं के लिए 364 डिपो खोले और इस तरह से 61.75 करोड़ से 128 करोड़ रुपये के राजस्व में वृद्धि हुई। कुल कर संग्रहण में 575 करोड़ रुपये से 1100 करोड़ की बढ़ोतरी |
विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सहायता से पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जीवन शैली के स्तर को बढ़ाने के लिए कई योजनाओं को प्रारंभ किया | गंगा नदी की स्वछता तथा उसे प्रदूषण मुक्त करने के लिए स्पर्श गंगा अभियान की शुरुआत की |
डॉ0 ‘निशंक’ के कार्यकाल में उत्तराखंड ने आज तक का सर्वश्रेष्ठ आर्थिक प्रदर्शन किया है जो कि नीति आयोग की रिपोर्ट मे भी उल्लिखित है |
स्पर्श गंगा अभियान की शुरूवात
डॉ0 निशंक द्वारा गंगा नदी की स्वछता तथा गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिये स्पर्श गंगा अभियान की शुरुआत की| 2010 मे हरिद्वार मे कुम्भ मेले के आयोजन में मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि राज्य सरकार गंगा की स्वच्छता और निर्मलता को बनाये रखने के लिए वचनबद्घ है। उन्होंने कहा कि स्पर्श गंगा अभियान के तहत लिए गए संकल्प का हम सभी को ईमानदारी से पालन करना होगा, तभी गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाया जा सकता है।
गंगा सफाई को बढ़ावा देने के लिए, उन्होंने 11 लाख रुपये की प्रोत्साहन की घोषणा की और ऐतिहासिक दिन बनाने के लिए उन्होंने गंगा सफाई दिवस के रूप में 17 दिसंबर को मनाने की घोषणा की।
अटल खद्यान्न योजना की शुरुआत
निशंक द्वारा राज्य में गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) और गरीबी रेखा के ऊपर (एपीएल) परिवारों के लिए ‘अटल खद्यान योजना’ की शुरुवात जिसका लाभ उत्तराखंड के 30 लाख गरीब लोगों को मिला | इस योजना के तहत, बीपीएल और एपीएल परिवार क्रमशः 2 और 3 तथा 4 और 6 रूपए प्रति किलो के न्यूनतम मूल्य पर गेहूं और चावल खरीद सकते हैं।
108 आपातकालीन सुविधा की शुरुवात
उत्तराखंड में मई 2008 से निशंक द्वारा शुरू हुई जी. वी. के. ई. एम. आर. आई. के जरिये संचालित 108 एंबुलेंस सेवा ने अब तक 11 लाख लोगों को आपातकालीन सहायता देने का आंकड़ा पार कर लिया। इसके साथ ही 108 से अभी तक प्रदेश में 28300 लोगों को जीवनदान मिल चुका है। जी. वी. के. ई.एम.आर.आई. 108 आपातकालीन सेवा ने 11 लाख से अधिक आपातकालीन मामलों में पीड़ितों को सहायता प्रदान कर एक नया कीर्तिमान भी स्थापित किया।
आज, 108 सर्वश्रेष्ठ श्रेणी के आपातकालीन सेवा के साथ पर्याय बन गया है और इसे अपनी श्रेणी में सबसे कुशल, शीघ्र, विश्वसनीय और देखभाल सेवा प्रदाता के रूप में स्वीकार किया गया है।
विदेशों में निशंक
- थाईलैंड की राजकुमारी राजदरशी जयंकुरा ने निशक को इंडो थाई चेंबर ऑफ कॉमर्स सम्मान से नवाजा
- जापान की सुरुषि मियाजावा बनीं स्पर्श गंगा अभियान की ब्रांड एंबेसडर’
- दायोतों बाँका विश्वविद्यालय में चुनिंदा कहानियां के अंग्रेजी अनुवाद का विमोचन
- स्पर्श गंगा के लिए जापान संसदीय दल द्वारा निशंक सम्मानित
- नेपाल के प्रधानमंत्री ने किया निशंक की पुस्तक का विमोचन
- युगांडा के प्रधानमंत्री द्वारा हिंदी पुस्तक “वाह जिन्दगी” के अंग्रेजी अनुवाद
- “Celebrating Life” का विमोचन
- युगांडा मानवीय शिखर सम्मान
- डाॅ. निशंक द्वारा उत्तराखंड के विकास के लिए दुबई सरकार द्वारा ‘‘गुड गवर्नेंस अवार्ड’’ दिया गया
- डॉ. निशंक सुशाशन और नवोन्मेषी योजनाओं के लिए दुबई मे सम्मानित
- बस एक इच्छा के ज़र्मन संस्करण नूर एन वसंक का हेम्बर्ग में वेमोचन
- माॅरिशस के प्रधानमंत्री डॉ नवीन रामगुलाम जी द्वारा माॅरिशस सम्मान से सम्मानित करते हुए |
- ग्लोबल आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इण्डियन आॅरिजन (गोपियो) द्वारा असाधारण उपलब्धि सम्मान।
- कोलम्बो द्वारा साहित्य के क्षेत्र में डी.लिट
- अंतर्राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, कोलम्बो द्वारा साहित्य के क्षेत्र में डी.लिट. की मानद उपाधि।
पुरस्कार और सम्मान
डॉ रमेश पोखरियाल निशंक हुए फ्रांस की राजधानी पेरिस में गोपियों अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित ।
पर्यावरण संरक्षण विशेषकर गंगा, हिमालय में पर्यावरण संरक्षण के उत्कृष्ट कार्यों के लिए ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ऑरिजिन द्वारा सम्मानित किया गया ।
यूक्रेन की राजधानी कीव में डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक हुए सम्मानित I 25 June 2018
यूक्रेन की राजधानी कीव में डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक हुए सम्मानित I डॉ0 निशंक को पर्यावरण रक्षा के क्षेत्र में उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।
इंडो थाई चेंबर
थाईलैंड की राजकुमारी राजदरशी जयंकुरा ने निशक को इंडोर थाई चेंबर ऑफ कॉमर्स सम्मान से नवाजा
जापान के दायता बाँका विश्वविद्यालय में सम्मान ग्रहण करते हुए
डॉ० रमेश पोखरियाल निशंक की जापान यात्रा के दौरान उन्हें बाँका विश्वविद्यालय में सम्मानित किया गया
स्पर्श गंगा के लिए संसदीय दल द्वारा निशंक सम्मानित
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ० रमेश पोखरियाल निशंक की जापान यात्रा के दौरान ओसाका में जापान के संसदीय शिष्टमंडल के सदस्यों ने उनसे भेंट की तथा उन्हें द्वारा सम्मानित किया |
उत्तराखंड संस्कृत संस्थान द्वारा सम्मान
डॉ निशंक को उत्तराखंड संस्कृत संस्थान द्वारा साहित्य के कार्यो के लिए सम्मानित किया
इंटरनेशनल आयुर्वेदिक एवं योग कांफ्रेंस मे सम्मान
ऋषिकेश में आयोजित 3rd इंटरनेशनल आयुर्वेदिक एवं योग कांफ्रेंस मे सम्मानित किया गया
बुद्धिस्ट हेरिटेज इंटरनेशनल सेमिनार में सम्मान
गुजरात सरकार एवं महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित बुद्धिस्ट हेरिटेज इंटरनेशनल सेमिनार में सम्मानित किया गया
बस एक इच्छा के ज़र्मन संस्करण नूर एन वसंक का हेम्बर्ग में वेमोचन
डॉ निशंक के कहानी संग्रह बस एक इच्छा के ज़र्मन संस्करण नूर एन वसंक का हेम्बर्ग में वेमोचन एफ्रो एशियन इंस्टिट्यूट
श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा पुस्तक का विमोचन एंव भारत गौरव सम्मान ।
तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा पुस्तक का विमोचन एंव साहित्य भारती सम्मान ।
‘स्पर्श गंगा’ माॅरिशस विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल
माॅरिशस सरकार द्वारा ‘स्पर्श गंगा’ पुस्तक को देश के विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा।
दुबई सरकार द्वारा ‘‘गुड गवर्नेंस अवार्ड’’
डाॅ. निशंक द्वारा उत्तराखंड के विकास के लिए दुबई सरकार द्वारा ‘‘गुड गवर्नेंस अवार्ड’’ दिया गया
युगाण्डा में ”मानवीय शिखर सम्मान”
प्रधानमंत्री रूहकाना रूगुंडा ने निशंक को उनके साहित्य में मानवीय मूल्यो के सम्वद्र्वन के लिये युगांडा का प्रतिष्ठित मानवीय शिखर सम्मान देकर सम्मानित किया।
वर्ष 2008-09 का राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार।
भारत सरकार द्वारा ‘‘हिमालय का महाकुम्भ- नंदा राज जात’’ पुस्तक पर वर्ष 2008-09 का राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार।
ग्लोबल आर्गेनाईजेशन आॅफ इण्डियन आॅरिजन (गोपियो)
माॅरिशस गणतंत्र द्वारा देश के सर्वोच्च माॅरिशस सम्मान से सम्मानित ग्लोबल आर्गेनाईजेशन आॅफ इण्डियन आॅरिजन (गोपियो) द्वारा असाधारण उपलब्धि सम्मान।
भारत गौरव सम्मान
विक्रमशिला हिंदी विद्यापिठ द्वारा भारत गौरव सम्मान प्राप्त हुआ |
कोलम्बो द्वारा साहित्य के क्षेत्र में डी.लिट
अंतर्राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, कोलम्बो द्वारा साहित्य के क्षेत्र में डी.लिट. की मानद उपाधि।
साहित्य गौरव सम्मान
पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा साहित्य गौरव सम्मान।
साहित्य के क्षेत्र में डी.लिट. की मानद उपाधि
ग्राफिक इरा, डीम्ड विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड द्वारा साहित्य के क्षेत्र में डी.लिट. की मानद उपाधि।
हिमालय गौरव सम्मान
डाॅ. निशंक को नेपाल राष्ट्र द्वारा ‘हिमाल गौरव सम्मान’’ द्वारा सम्मानित किया गया